आवेश किसे कहते हैं?

आवेश पदार्थ का एक मूलभूत गुणधर्म है, जो उसे विद्युत क्षेत्र में रखे जाने पर बल का अनुभव करने का कारण बनता है। यह बल आवेश के प्रकार और परिमाण पर निर्भर करता है।

आवेश दो प्रकार के होते हैं:

  1. धनात्मक आवेश: यह आवेश प्रोटॉन नामक उप-परमाणु कण में पाया जाता है।
  2. ऋणात्मक आवेश: यह आवेश इलेक्ट्रॉन नामक उप-परमाणु कण में पाया जाता है।

समान आवेश एक-दूसरे को विकर्षित करते हैं, जबकि भिन्न आवेश एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं।

आवेश का मात्रक कूलम्ब (C) है। एक कूलम्ब आवेश वह आवेश है जो 1 मीटर की दूरी पर एक समान आवेश पर 9 × 10^9 न्यूटन का प्रतिकर्षण बल उत्पन्न करता है।

आवेश के कुछ महत्वपूर्ण गुणधर्म:

  • आवेश एक संरक्षित राशि है, जिसका अर्थ है कि यह न तो बनाया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है।
  • आवेश विभाज्य है, जिसका अर्थ है कि इसे छोटे-छोटे भागों में विभाजित किया जा सकता है।
  • आवेश परमाणुओं और अणुओं का एक मूलभूत गुणधर्म है।

आवेश के अनेक अनुप्रयोग हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • विद्युत उपकरणों का संचालन
  • रसायन विज्ञान में रासायनिक प्रतिक्रियाओं का अध्ययन
  • खगोल विज्ञान में तारों और ग्रहों का अध्ययन

आशा है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी।



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Bhaskar Singh

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